झारखंड के गढ़वा में सांप्रदायिक तनाव, पुलिस पर पक्षपात के आरोप, विसर्जन यात्रा के रुकने से बिगड़े हालात
गढ़वा में माँ दुर्गा विसर्जन यात्रा रोके जाने पर हुआ सांप्रदायिक तनाव: पुलिस पर पक्षपात के आरोप
झारखंड के गढ़वा में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान मुस्लिम समुदाय द्वारा यात्रा को रोकने पर भारी तनाव फैल गया। हालात तब बिगड़े जब विवादित रास्ते से जुलूस निकालने के प्रयास पर मुस्लिम समुदाय ने आपत्ति जताई। इसके बाद शुरू हुए विवाद ने सांप्रदायिक रंग ले लिया और मामला हिंसक हो गया। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प भी हुई, जिसमें पुलिस ने गोलियाँ और आँसू गैस के गोले दागे।
घटनाएँ कैसे शुरू हुईं?
1. मतगढ़ी घटना (13 अक्टूबर, 2024):
– गढ़वा के मतगढ़ी इलाके में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन यात्रा के दौरान, मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों ने यात्रा को विवादित रास्ते से ले जाने पर आपत्ति जताई।
– दोनों समुदायों के बीच तनाव बढ़ा, और पत्थरबाजी शुरू हो गई।
– पुलिस ने मामले को शांत करने की कोशिश की, लेकिन हिंसा भड़क गई। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज, आँसू गैस और फायरिंग की।
– इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिससे पूरे इलाके में आक्रोश फैल गया।
2. लखना गाँव की घटना (12 अक्टूबर, 2024):
– लखना गाँव में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन यात्रा को मुस्लिम समुदाय द्वारा रोके जाने के बाद तनाव उत्पन्न हुआ।
– प्रशासन ने दोनों पक्षों के बीच सुलह की कोशिश की, लेकिन वार्ता में कोई हल नहीं निकला।
– श्रद्धालुओं ने प्रशासन पर ढिलाई का आरोप लगाया और नारेबाजी की, जिससे स्थिति और गंभीर हो गई।
पुलिस की कार्रवाई और हिंदू संगठनों का आक्रोश
– पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई पर हिंदू संगठनों ने मुस्लिम समुदाय की तरफदारी करने का आरोप लगाया।
– पुलिस ने कहा कि जिस रास्ते से यात्रा निकाली जा रही थी, वहाँ पहले भी विवाद हो चुका था। लेकिन हिंदू संगठनों ने इसे अपनी परम्परा बताते हुए यात्रा को रोकने पर विरोध जताया।
– इस हिंसा में कुछ पुलिसकर्मी और स्थानीय लोग घायल हुए। कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया गया।
– इलाके में हालात को नियंत्रित करने के लिए निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है।
राजनीति का दखल
– पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने इस घटना की आलोचना करते हुए झारखंड सरकार पर धार्मिक असंतुलन फैलाने का आरोप लगाया।
– उन्होंने कहा कि पुलिस ने मुस्लिम समुदाय के दबाव में आकर हिंदू समुदाय पर कार्रवाई की और उनकी शिकायतें अनदेखी कीं।
– भारतीय जनता पार्टी के पूर्व विधायक सत्येंद्र नाथ तिवारी ने भी प्रशासन और सरकार की आलोचना की। उनका कहना है कि यह एकतरफा धर्मनिरपेक्षता है और हिंदू समुदाय को दबाया जा रहा है।
हिंदू संगठनों की माँगें और आक्रोश
– हिंदू संगठनों का कहना है कि इस तरह की घटनाएँ लगातार हो रही हैं, और वे इसे और सहन नहीं करेंगे।
– उनका आरोप है कि सरकार और प्रशासन केवल मुस्लिम समुदाय का पक्ष ले रहे हैं, जिससे हिंदू समुदाय में आक्रोश बढ़ रहा है।
– संगठनों ने माँग की है कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए और विसर्जन यात्रा को सुचारु रूप से सम्पन्न कराया जाए।
सांप्रदायिक तनाव के कारण
– इस तरह की घटनाओं का मुख्य कारण धार्मिक असहिष्णुता और प्रशासन की ढिलाई है।
– विसर्जन यात्रा को लेकर पहले भी कई विवाद हो चुके हैं, खासकर उन रास्तों को लेकर जहाँ पर मुस्लिम समुदाय की जनसंख्या अधिक है।
– प्रशासन की ओर से की गई निष्पक्ष कार्रवाई की कमी से दोनों समुदायों के बीच तनाव और भड़कता है।
झारखंड के गढ़वा में हुई यह घटना सिर्फ एक सांप्रदायिक विवाद नहीं, बल्कि प्रशासन की कमजोर स्थिति और धार्मिक असंतुलन को भी उजागर करती है। जब तक सरकार और प्रशासन सभी समुदायों के प्रति निष्पक्ष होकर काम नहीं करेंगे, तब तक इस तरह के विवाद और बढ़ सकते हैं। हिंदू संगठनों और मुस्लिम समुदाय के बीच बढ़ते तनाव को कम करने के लिए संवाद और समन्वय की जरूरत है।