Friday, December 20, 2024
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बीड़ी की आदत बनी मौत की वजह: पति ने फांसी लगाकर दी जान, पत्नी के अलग रहने से था आहत बांदा, उत्तर प्रदेश:

बीड़ी पीने की आदत ने एक दंपति के जीवन को इस कदर प्रभावित किया कि मामला आत्महत्या तक पहुंच गया। बांदा जिले के खदियाना गांव में एक 25 वर्षीय युवक ने बीड़ी की आदत से उपजे घरेलू तनाव के चलते फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।

घटना का विवरण

आत्महत्या करने वाला युवक आनंद मिस्त्री का काम करता था और उसकी शादी पिछले साल हुई थी। आनंद को बीड़ी पीने की आदत थी, जिससे उसकी पत्नी परेशान रहती थी। पत्नी ने उसे कई बार बीड़ी छोड़ने को कहा, लेकिन आदत छूट नहीं सकी। धीरे-धीरे यह बात उनके रिश्ते में दरार का कारण बन गई। पत्नी ने बीड़ी की बदबू से परेशान होकर अलग कमरे में सोना शुरू कर दिया, जिससे आनंद मानसिक तनाव में आ गया। 31 दिसंबर की रात उसने पंखे से लटककर अपनी जान दे दी। परिजनों को सुबह कमरे में आनंद का शव लटका मिला।

परिवार का हाल और पुलिस की कार्रवाई

घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। आनंद के छोटे भाई अंकित ने बताया कि दोनों के बीच बीड़ी पीने की आदत को लेकर अक्सर झगड़े होते थे, जिससे आनंद परेशान रहता था। थाना कोतवाली नगर के एसएचओ पंकज कुमार सिंह ने बताया कि प्राथमिक जांच में तनाव और पत्नी से अनबन आत्महत्या का मुख्य कारण प्रतीत हो रहे हैं। पुलिस ने केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।

संबंधों पर नशे की आदतों का असर

यह घटना उन समस्याओं की ओर इशारा करती है, जो नशे की आदतें और धूम्रपान जैसी गतिविधियां दंपति के संबंधों में ला सकती हैं। छोटी-छोटी आदतें, यदि समय पर सुधारी न जाएं, तो वे बड़े विवादों और गहरे मानसिक तनाव का कारण बन सकती हैं।

घरेलू तनाव को सुलझाने के सुझाव

1. संवाद का महत्व: पति-पत्नी के बीच खुलकर बातचीत रिश्तों को सुधारने में सहायक हो सकती है।

2. नशा छोड़ने में मदद: परिवार और दोस्तों को नशा छोड़ने के लिए व्यक्ति को प्रोत्साहित करना चाहिए। 3.

मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान: मानसिक तनाव के संकेत मिलने पर विशेषज्ञ की मदद लेने में संकोच नहीं करना चाहिए।

4. सामुदायिक जागरूकता: धूम्रपान और नशे की लत से होने वाले नुकसान के प्रति लोगों को जागरूक करने की जरूरत है।

निष्कर्ष बांदा की इस दुखद घटना ने यह संदेश दिया है कि छोटी-छोटी आदतें भी गंभीर परिणाम ला सकती हैं। रिश्तों में संवाद और एक-दूसरे की भावनाओं को समझने का प्रयास तनाव से बचने का सबसे बेहतर तरीका है। समाज और परिवार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि नशे की आदतें किसी के जीवन का अंत न बनें

“छोटी-छोटी बातों पर ध्यान देकर रिश्तों को बचाना संभव है।”

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