Thursday, September 19, 2024
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बरेली में दलितों के धर्मांतरण की कोशिश: प्रार्थना सभा में बाइबिल बांटते पकड़े गए, हिंदू संगठनों ने किया विरोध

बरेली में धर्म परिवर्तन की कोशिश: पुलिस ने की जांच

उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में धर्म परिवर्तन की कोशिश का मामला सामने आया है। यहां एक पादरी पर हिंदू संगठनों ने दलितों (एससी श्रेणी के लोगों) को ईसाई धर्म में परिवर्तित करने का आरोप लगाया है। आरोप लगाया गया है कि एक प्रार्थना सभा के बहाने 40-50 दलितों को एकत्रित कर उन्हें धर्म परिवर्तन करने की साजिश रची गई थी। यह घटना 4 अगस्त 2024, रविवार को हुई। पुलिस के मौके पर पहुंचते ही उन्होंने जांच शुरू कर दी और आवश्यक कदम उठाए। कुछ लोगों से पूछताछ भी की जा रही है।

घटना का स्थान और परिस्थिति

यह घटना बरेली के बाहरी इलाके में बहेरी पुलिस स्टेशन के पास की है। यहां गौटिया कॉलोनी में अधिकांश दलित आबादी रहती है। “बजरंग दल” के अनुसार, रविवार दोपहर लगभग 11:30 बजे, कुछ बाहरी लोग इस कॉलोनी में आए और प्रार्थना सभा के नाम पर स्थानीय लोगों के घरों में जाकर उन्हें एकत्रित करने लगे। मामले की जानकारी मिलने पर ‘बजरंग दल’ और विश्व हिंदू परिषद (VHP) के कार्यकर्ता वहां पहुंचे। उन्होंने देखा कि लगभग 40-50 लोग एक स्थान पर इकट्ठा हो रहे थे। शिकायत के अनुसार, सभी को धर्म परिवर्तन करने की तैयारी हो रही थी। इस कार्यक्रम का मुख्य आयोजक एक पादरी बताया जा रहा है।

बजरंग दल और वीएचपी की प्रतिक्रिया

‘बजरंग दल’ के सदस्यों ने अपने उच्च अधिकारियों को इस बारे में बताया। जब वरिष्ठ संगठन अधिकारी वहां पहुंचे, तो उन्होंने कार्यक्रम का विरोध किया। कहा जा रहा है कि इस सभा में बाइबिल और अन्य ईसाई साहित्य भी लाया गया था। वहां एक दान पेटी भी रखी गई थी। प्रार्थना सभा में एक ब्लैकबोर्ड भी लगाया गया था, जिसमें रविवार के कार्यक्रम की रूपरेखा लिखी हुई थी। चॉक से “प्रभु का धन्यवाद,” “तेरा प्यार है,” “प्रार्थना,” और “गवाही” जैसे शब्द लिखे गए थे।

प्रार्थना सभा में भाग लेने वाले

प्रार्थना सभा में पुरुषों के अलावा महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे। OpIndia को प्राप्त वीडियो में एक लड़की पहले खुद को हिंदू बताती है, लेकिन बाद में पुलिस को बताती है कि उसे चमत्कारी उपचार मिला है और वह भगवान पर विश्वास करती है। लड़की का कहना है कि भगवान ने उसे जीवन दिया और वह अपने हाथ में एक किताब पकड़े हुए है। ‘प्रभु की स्तुति करो’ बड़े अक्षरों में लिखा हुआ था। जब उनसे पूछा गया कि वे ईसाई कार्यक्रम में क्यों आए थे, तो उपस्थित लोग पहले खुद को हिंदू बताते हैं, लेकिन वे पर्याप्त उत्तर नहीं दे पाते।

पुलिस की कार्रवाई

आरोपी और ‘बजरंग दल’ के सदस्यों के बीच कथित प्रार्थना सभा में झगड़ा हो गया। जैसे ही पुलिस को स्थिति की जानकारी मिली, वे मौके पर पहुंचकर मामले को संभाल लिया। ‘बजरंग दल’ और ‘विश्व हिंदू परिषद’ के छह या सात प्रतिनिधियों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें बड़ी संख्या में दलितों को धर्म परिवर्तन करने की साजिश का आरोप लगाया गया। आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गई है। पुलिस ने अपनी जांच शुरू कर दी है और कुछ लोगों से पूछताछ की जा रही है।

धर्म परिवर्तन का मामला और सामुदायिक प्रतिक्रिया

यह घटना बरेली में तनाव का माहौल पैदा कर रही है। स्थानीय समुदाय और हिंदू संगठन इस तरह की घटनाओं से नाराज हैं और धर्म परिवर्तन के प्रयासों का विरोध कर रहे हैं। पुलिस की जांच के परिणामस्वरूप और साक्ष्य मिलने पर आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस प्रकार के मामलों में सामाजिक संगठनों और समुदायों की जिम्मेदारी भी बढ़ जाती है कि वे अपने क्षेत्रों में जागरूकता फैलाएं और इस तरह की गतिविधियों पर नजर रखें।

निष्कर्ष

बरेली में हुई इस घटना ने धर्म परिवर्तन के मुद्दे को एक बार फिर चर्चा में ला दिया है। समाज में इस प्रकार की घटनाओं का न केवल कानूनी बल्कि सामाजिक और नैतिक दृष्टिकोण से भी विरोध आवश्यक है। पुलिस की त्वरित कार्रवाई और समुदाय के संगठनों की सतर्कता इस मामले में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए सामाजिक जागरूकता और कानूनी प्रक्रियाओं को सख्ती से लागू करना होगा ताकि समाज में शांति और सद्भाव बना रहे।

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