Monday, December 23, 2024
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कन्हैयालाल का परिवार अब भी न्याय की आस में, नूपुर शर्मा को भी खतरा; ‘सर तन से जुदा’ के नारेबाज हुए रिहा: क्या यह न्याय आपको विचलित नहीं करता?

राजस्थान में जून की भयानक गर्मी थी। इस बीच, नूपुर शर्मा द्वारा इस्लाम के पैगंबर मोहम्मद पर दिए गए बयान को लेकर देश में तनाव फैला हुआ था।

17 जून 2022 को अजमेर में नूपुर शर्मा के बयान के विरोध में मौन जुलूस निकाला जा रहा था। लगभग 3000 लोग इस जुलूस में शामिल थे, जो अजमेर शरीफ दरगाह के पास पहुँचते ही भड़क उठा।

रिक्शे पर लाउडस्पीकर लगाकर भड़काऊ भाषण दिए गए और ‘सर तन से जुदा’ के नारे लगाए गए। इस जुलूस का नेतृत्व अजमेर दरगाह के खादिम गौहर चिश्ती कर रहे थे।

गौहर चिश्ती ने जुलूस की अनुमति मौन जुलूस के नाम पर ली थी, लेकिन प्रशासन की चेतावनी के बावजूद भड़काऊ नारे लगाए गए। इस घटना का वीडियो भी वायरल हुआ था।

गौहर चिश्ती और 7 अन्य आरोपितों को इस मामले में गिरफ्तार किया गया था। लेकिन, 16 जुलाई 2024 को स्थानीय कोर्ट ने इन सभी को बरी कर दिया।

28 जून 2022 को उदयपुर में कन्हैयालाल नाम के एक दर्जी की गला काटकर हत्या कर दी गई थी। आरोपित मोहम्मद रियाज़ अंसारी और मोहम्मद गौस ने इस हत्या का वीडियो भी बनाया था।

कन्हैयालाल की हत्या का कारण सिर्फ इतना था कि उन्होंने नूपुर शर्मा के समर्थन में व्हाट्सएप स्टेटस लगाया था। कन्हैयालाल की हत्या के बाद रियाज और गौस अजमेर भाग रहे थे।

गौहर चिश्ती के तार कन्हैयालाल की हत्या से जुड़े पाए गए थे। बताया जा रहा है कि गौहर चिश्ती ने ही रियाज और गौस को हत्या का वीडियो बनाने के लिए कहा था।

कोर्ट ने गौहर चिश्ती और उसके पाँच अन्य सहयोगियों को सभी आरोपों से मुक्त कर दिया। अदालत के निर्णय में साक्ष्य की कमी को प्रमुख कारण बताया गया।

पुलिस ने इस मामले की ठीक से पैरवी नहीं की और वायरल वीडियो का सत्यापन नहीं करा पाई। इससे आरोपितों को बरी कर दिया गया।

कन्हैयालाल के परिजन आज भी न्याय की आस में बैठे हैं। कन्हैयालाल के बेटे ने ऐलान किया है कि जब तक उनके पिता को न्याय नहीं मिलता, तब तक वह नंगे पैर रहेगा।

कन्हैयालाल की अस्थि कलश विसर्जन की बाट जोह रही है। उनके हत्यारों को सजा हो तो परिवार उनकी अस्थियों को पवित्र नदियों के जल में प्रवाहित करेगा।

अजमेर दरगाह पर लोगों की आवाजाही कम हो गई थी, लेकिन अब फिर से वहाँ चहल-पहल बढ़ गई है।

कन्हैयालाल की दुकान और घर के पास आज भी दहशत का माहौल है। उस गली से गुजरने की कोई हिम्मत नहीं जुटा पाता है।

   – जून 2022 की गर्मी में, नूपुर शर्मा के बयान को लेकर देश में तनाव फैला हुआ था।

2. अजमेर में मौन जुलूस:**

   – 17 जून 2022 को अजमेर में नूपुर शर्मा के बयान के विरोध में मौन जुलूस निकाला गया।

   – यह जुलूस अजमेर शरीफ दरगाह के पास पहुँचते ही उग्र हो गया।

3. लाउडस्पीकर से भड़काऊ भाषण:**

   – जुलूस में लाउडस्पीकर से ‘सर तन से जुदा’ के नारे लगाए गए।

   – अजमेर दरगाह के खादिम गौहर चिश्ती इस जुलूस का नेतृत्व कर रहे थे।

4. प्रशासन की चेतावनी की अनदेखी:**

   – प्रशासन ने चेतावनी दी थी कि जुलूस में भड़काऊ नारे नहीं लगाए जाएं, लेकिन इसे नजरअंदाज कर दिया गया।

   – इसके बावजूद जुलूस में भड़काऊ नारे लगाए गए और इसका वीडियो भी वायरल हुआ।

5. गौहर चिश्ती की गिरफ्तारी:**

   – पुलिस ने गौहर चिश्ती समेत 7 लोगों को गिरफ्तार किया।

   – 16 जुलाई 2024 को कोर्ट ने इन सभी को बरी कर दिया।

6. देशभर में तनावपूर्ण माहौल:**

   – विभिन्न स्थानों पर छोटे-छोटे जुलूस और रैलियाँ हो रही थीं, जिससे देश का माहौल गरमाया हुआ था।

7. कन्हैयालाल की हत्या:**

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