Monday, December 23, 2024
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1 साल में 80 हजार नए वोटर कहाँ से अ गये , जिनमें 70 हजार मुस्लिम: यह मामला मंगलदोई की याद दिलाता है यह बदलाव, असम के CM की चेतावनी क्यों है महत्वपूर्ण?

मंगलदोई की कहानी: 1977 से अब तक

  1. पृष्ठभूमि: 1977 का चुनाव
  • इमरजेंसी के बाद 1977 में हुए चुनाव में जनता पार्टी ने 14 में से 3 सीटें जीतीं।
  • इनमें एक सीट मंगलदोई की थी, जिसे हीरा लाल (तिवारी) ने जीता था।
  • उस समय मंगलदोई में 5,60,297 मतदाता थे।
  1. वोटर संख्या में अचानक वृद्धि
  • हीरा लाल के निधन के बाद उपचुनाव कराया गया और मतदाता सूची अपडेट की गई।
  • एक साल के भीतर मतदाताओं की संख्या में 80,000 की वृद्धि हो गई।
  • इनमें से लगभग 70,000 मतदाता मुस्लिम थे।
  1. अजीत झा की रिपोर्ट: ‘द लास्ट बैटल ऑफ सरायघाट’
  • किताब में इस घुसपैठ की जानकारी दी गई है।
  • रिपोर्ट के अनुसार, 15% की यह वृद्धि कॉन्ग्रेस द्वारा इलाके में लोगों को इंपोर्ट करने से हुई थी।
  • 70,000 में से केवल 26,900 ही टिक पाए थे, बाकी अवैध घुसपैठिए साबित हुए।
  1. 2024 तक हालात का बिगड़ना
  • 1977 से 2024 के बीच हालात और भी भयावह हो गए हैं।
  • असम के मुख्यमंत्री इस्लामी कट्टरपंथ और बांग्लादेशी घुसपैठ के खिलाफ सक्रिय हैं।
  • न्यूज चैनल से बातचीत में उन्होंने राज्य की स्थिति को स्वीकार किया।
  1. भविष्य की चिंता: असम और बंगाल की स्थिति
  • 2044 तक असम मुस्लिम बहुल राज्य बनने का अनुमान है।
  • बंगाल 2051 तक मुस्लिम बहुल हो जाएगा।
  1. मुख्यमंत्री सरमा की चिंता
  • असम में हिंदू आबादी के मुकाबले मुस्लिम आबादी तेजी से बढ़ रही है।
  • 20 साल बाद राज्य की कुल आबादी में मुसलमानों की संख्या 50 फीसदी हो जाएगी।
  • असम जम्मू-कश्मीर के बाद देश में सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाला दूसरा राज्य बन जाएगा।
  1. जनसांख्यिकी बदलाव का महत्व
  • मुख्यमंत्री सरमा इसे राजनैतिक मुद्दा नहीं, जीवन और मृत्यु का मामला बताते हैं।
  • हिंदू बहुल इलाके धीरे-धीरे मुस्लिम बहुल हो रहे हैं।
  • बांग्लादेश और पड़ोसी देशों से आए प्रवासियों के कारण संसाधनों पर दबाव बढ़ रहा है, जो असम की मूल जनता के लिए होना चाहिए।
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