उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में एक बेहद गंभीर और तनावपूर्ण मामला सामने आया है, जहाँ एक जैन परिवार अपनी जमीन पर कब्जा लेने के लिए संघर्ष कर रहा है। यह विवाद केवल जमीन के कानूनी हक का नहीं है, बल्कि इसमें धार्मिक और सामुदायिक तनाव भी खुलकर सामने आया है। जैन परिवार का आरोप है कि मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों ने उनकी जमीन पर अवैध कब्जा करने की साजिश रची है। यह मामला इतना गंभीर हो गया कि जब प्रशासन ने जमीन पर कब्जा दिलाने का आदेश दिया, तो मुस्लिम समुदाय के लोगों ने जैन परिवार पर हमला कर दिया और पुलिस के सामने ही जमकर हंगामा किया।
विवाद की जड़: जैन परिवार की 42 बीघे जमीन
यह घटना सहारनपुर जिले के गंगोह थाना क्षेत्र के कुंडाकला गाँव की है। नवीन जैन और उनका परिवार इस गाँव में पिछले 200 सालों से अधिक समय से 42 बीघे जमीन पर खेती कर रहे हैं। नवीन जैन का कहना है कि उनकी जमीन की कानूनी स्थिति बिल्कुल स्पष्ट है, और सभी जरूरी दस्तावेज उनके पास हैं। लेकिन पिछले एक साल से कुछ मुस्लिम समुदाय के लोग – जिनमें फुरकान, गयूर, पप्पू, ममरेज, गयासुद्दीन और कामिल शामिल हैं – इस जमीन पर अवैध कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं।
इन आरोपितों का दावा है कि जमीन का एक हिस्सा, लगभग 4 बीघे, उनका है, लेकिन उनके पास इस दावे का कोई वैध सबूत नहीं है। जैन परिवार का कहना है कि मुस्लिम समुदाय के लोग इस विवादित जमीन की कीमत लगभग 2 करोड़ रुपये के आसपास बता रहे हैं, जो कि इस कब्जे की कोशिश का मुख्य कारण है।
नवीन जैन का संघर्ष और प्रशासन का हस्तक्षेप
नवीन जैन ने बताया कि वे कई वर्षों तक दिल्ली में व्यापारिक कारणों से रह रहे थे, और इसी दौरान उनकी अनुपस्थिति का फायदा उठाकर आरोपितों ने उनकी जमीन पर कब्जा करने की कोशिश की। आरोपितों ने जमीन पर बाउंड्री खींचने का भी प्रयास किया। जब नवीन जैन को इस बारे में पता चला, तो उन्होंने तत्काल प्रशासन से शिकायत की।
प्रशासन ने मामले की जांच की और पाया कि जमीन का हक जैन परिवार के पास ही है। प्रशासन ने आरोपितों द्वारा की गई बाउंड्री को हटवा दिया, लेकिन इसके बावजूद आरोपितों ने अपनी हरकतें नहीं रोकीं। जब भी जैन परिवार अपनी जमीन पर खेती करने जाता, तो उन्हें गालियाँ दी जातीं और जान से मारने की धमकियाँ मिलतीं।
धमकियाँ और ‘सिर तन से जुदा’ का नारा
नवीन जैन का कहना है कि उनके परिवार को आए दिन धमकियाँ दी जाती थीं। आरोपितों की संख्या अधिक होने के कारण वे डराने-धमकाने की हरकतें कर रहे थे। नवीन ने आरोप लगाया कि कब्जेदार मुस्लिम समुदाय के लोग अक्सर ‘सिर तन से जुदा’ जैसे खतरनाक नारे लगाते थे, जिससे उनका पूरा परिवार दहशत में जी रहा है।
प्रशासनिक आदेश और रविवार की घटना
लगभग एक साल तक न्याय के लिए लड़ाई लड़ने के बाद, प्रशासन ने आखिरकार नवीन जैन और उनके परिवार को जमीन पर कब्जा दिलाने का आदेश दिया। प्रशासनिक आदेश के बाद रविवार (13 अक्टूबर 2024) को पुलिस बल के साथ जैन परिवार अपनी जमीन पर वापस कब्जा लेने पहुँचा। उनके साथ एक ट्रैक्टर भी था ताकि जमीन पर खेती शुरू की जा सके।
लेकिन जैसे ही ट्रैक्टर ने खेत में काम करना शुरू किया, मुस्लिम समुदाय के दर्जनों लोग वहाँ जमा हो गए। इस भीड़ में महिलाएँ भी शामिल थीं, जो ट्रैक्टर के सामने खड़ी हो गईं और काम को रोकने की कोशिश की। मौके पर मौजूद पुलिस बल इस भीड़ को संभालने में नाकाम रहा और अंततः नवीन जैन को बिना कब्जा लिए ही वापस लौटना पड़ा।
भीड़ का हंगामा और पुलिस की नाकामी
नवीन जैन ने बताया कि इस पूरी घटना का वीडियो भी उनके पास मौजूद है, जिसमें साफ देखा जा सकता है कि मुस्लिम भीड़ ने किस तरह से हंगामा किया और ट्रैक्टर के सामने खड़ी होकर काम रुकवा दिया। पुलिस द्वारा बार-बार समझाने के बावजूद महिलाएँ ट्रैक्टर के सामने आती रहीं और काम को बाधित करती रहीं।
नवीन जैन ने अब एक बार फिर से प्रशासन में शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें उन्होंने मांग की है कि हंगामा करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए और उन्हें उनकी जमीन पर वापस कब्जा दिलाया जाए।
जैन परिवार की सुरक्षा पर संकट
इस घटना के बाद से जैन परिवार बेहद डरा हुआ है। नवीन जैन ने एक वीडियो संदेश जारी करते हुए कहा है कि जिस गाँव में आतंकी नदीम को गिरफ्तार किया गया था, वहाँ उनके परिवार की जान पर भी खतरा मंडरा रहा है। उनका कहना है कि अगर प्रशासन ने जल्द कार्रवाई नहीं की, तो उनके साथ कोई बड़ी अनहोनी हो सकती है।
सहारनपुर जिले का यह मामला न केवल कानूनी लड़ाई का है, बल्कि इसमें धार्मिक तनाव और सामुदायिक संघर्ष भी खुलकर सामने आया है। जैन परिवार अपनी जमीन पर वापस कब्जा लेने के लिए संघर्ष कर रहा है, जबकि मुस्लिम समुदाय के लोग अवैध कब्जे की कोशिश कर रहे हैं। प्रशासन द्वारा जैन परिवार को न्याय दिलाने का आदेश जारी होने के बावजूद, जमीन पर कब्जा दिलाने में विफलता और मुस्लिम भीड़ के हंगामे ने स्थिति को और जटिल बना दिया है।
अब देखना यह है कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है और क्या जैन परिवार को अपनी जमीन और सुरक्षा वापस मिल पाती है या नहीं।