3 KM का सफर बदल देगा UP मेंडू स्टेशन और रेलवे ट्रैक का एक व्यू जिसमें सर्वे टीम काम करते दिखाई दे रही
भारतीय रेलवे ने उत्तर प्रदेश के मथुरा और अलीगढ़ को सीधे रेल मार्ग से जोड़ने की दिशा में ऐतिहासिक पहल की है। पूर्वोत्तर रेलवे के मथुरा-कासगंज और उत्तर मध्य रेलवे के दिल्ली-हावड़ा मार्ग को मेंडू स्टेशन पर जोड़ने के लिए सर्वे का कार्य शुरू हो गया है। मथुरा की सांसद व बॉलीवुड अभिनेत्री हेमा मालिनी के लगातार प्रयासों के बाद यह परियोजना गति पकड़ने लगी है।
दो दशक पुरानी मांग, अब मिली गति
इस योजना की कल्पना करीब 20 साल पहले की गई थी, लेकिन प्रशासनिक अड़चनों और बजटीय समस्याओं के कारण यह ठंडे बस्ते में पड़ी रही। स्थानीय मीडिया और अमर उजाला जैसे अखबारों ने समय-समय पर इस मुद्दे को उठाया, लेकिन हाथरस के पूर्व सांसदों की अनदेखी के चलते काम आगे नहीं बढ़ पाया। 2023 में हेमा मालिनी ने संसद में इस मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाकर रेलवे को कार्यवाही के लिए बाध्य किया।
सिर्फ 3 किमी का फासला, परियोजना की बड़ी चुनौतियाँ
पूर्वोत्तर रेलवे के मेंडू स्टेशन और उत्तर मध्य रेलवे के हाथरस जंक्शन के बीच महज 3 किलोमीटर का अंतर है, लेकिन इन्हें जोड़ने के लिए 4 किमी नए ट्रैक बिछाने होंगे। रेलवे इंजीनियरों के सामने सबसे बड़ी चुनौती दोनों मार्गों के सिग्नल सिस्टम और ट्रैक गेज (ब्रॉड गेज और मीटर गेज) को सिंक्रोनाइज़ करना है। एक वरिष्ठ रेलवे अधिकारी के अनुसार, यहाँ हमें डुअल गेज तकनीक का उपयोग करना पड़ सकता है, जिससे दोनों प्रकार की ट्रेनें एक ही मार्ग पर चल सकें।
क्या बदलेगा? यात्रियों और व्यापार को मिलेगा लाभ
1. मुंबई-दिल्ली रूट का वैकल्पिक मार्ग: मेंडू-हाथरस लिंक से मुंबई जाने वाली ट्रेनें अलीगढ़ और खुर्जा होते हुए सीधे पश्चिमी रेलवे नेटवर्क से जुड़ सकेंगी, जिससे मथुरा-निजामुद्दीन सेक्शन पर भीड़ कम होगी।
2. शैक्षणिक और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा:अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्रों और मथुरा-वृंदावन के तीर्थयात्रियों को सीधी कनेक्टिविटी मिलेगी।
3. घंटों बचेगा समय:वर्तमान में दिल्ली से मथुरा जाने के लिए यात्रियों को गाजियाबाद होकर 3-4 घंटे लगते हैं, जबकि नया मार्ग यात्रा अवधि को 2 घंटे तक कम कर देगा।
मथुरा के बांके बिहारी मंदिर और अलीगढ़ यूनिवर्सिटी की इमारत का कोलाज
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया: “सपना सच होगा
हाथरस के रहने वाले व्यापारी राजेश शर्मा कहते हैं, अलीगढ़ में हमारे कपड़े के ऑर्डर हैं, लेकिन सड़क मार्ग में जाम और ट्रक का किराया महंगा पड़ता है। रेल कनेक्शन बनते ही व्यापार आसान हो जाएगा। वहीं, मथुरा की कॉलेज छात्रा प्रिया यादव बताती हैं, AMU में दाखिले के लिए अलीगढ़ जाना पड़ता है। अब ट्रेन से सफर सुविधाजनक होगा।
आगे का प: सर्वे के बाद क्या?
रोडमै रेलवे की विशेष टीम सर्वे के आधार पर जून 2024 तक बजट का अनुमान लगाएगी। परियोजना को रेल बजट 2025 में शा
मिल करने की उम्मीद है। एक बार स्वीकृति मिलने पर, निर्माण कार्य 18-24 महीने में पूरा होने का अनुमान है। सइ दौरान मेंडू और हाथरस के बीच पुलों और कटिंग का निर्माण प्रमुख चुनौती रहेगा।
निष्कर्ष:
यह परियोजना न सिर्फ यूपी के पश्चिमी क्षेत्र की ट्रांसपोर्ट नेटवर्क को मजबूत करेगी, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेगी। हेमा मालिनी की इस पहल ने साबित किया है कि स्थानीय मुद्दों को राष्ट्रीय स्तर पर उठाने से बदलाव संभव है। अब देखना है कि रेलवे अपने वादों पर कितना खरा उतरता है।
भविष्य के रेल मार्ग का डिजिटल मैप जो मथुरा, मेंडू, हाथरस और अलीगढ़ को जोड़ता हो