छत्तीसगढ़ के जशपुर इलाके में दो पादरियों को कथित तौर पर प्रार्थना सभा के रूप में लोगों का धर्मांतरण करने की कोशिश करने के आरोप में हिरासत में लिया गया है। विश्व हिंदू परिषद (VHP) की शिकायत के जवाब में रविवार, 27 मार्च, 2022 को कार्रवाई की गई।
घटना के बारे में जानकारी
हिरासत में लिए गए पादरियों में से एक क्रिस्टोफर तिर्की बगिया ग्राम पंचायत के भालूटोला मोहल्ले में ज्योति प्रकाश टोप्पो के घर पर प्रार्थना समूह का नेतृत्व कर रहे थे। इस सभा में करीब 25 घरों का प्रतिनिधित्व करने वाले कंवर जनजाति के 68 सदस्य शामिल हुए थे। VHP के कार्यकर्ताओं ने इस सभा की सूचना पुलिस को दी और दावा किया कि यह धर्मांतरण का प्रयास था।
पुलिस का हस्तक्षेप
जशपुर के डिप्टी एसपी मनीष कुंवर के मुताबिक सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों पादरियों को हिरासत में ले लिया। धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम की धारा 4 और भारतीय दंड संहिता की धारा 295-ए और 34 का इस्तेमाल कर उनके खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है। अदालत में पेश होने के बाद दोनों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में रखा गया और जेल भेज दिया गया।
पादरी का पक्ष
जेल में बंद पादरी क्रिस्टोफर तिर्की के अनुसार, “हम बहुत लंबे समय से चर्च में प्रार्थना करते आ रहे हैं।” उन्होंने धर्मांतरण के दावों का खंडन किया। दूसरे पादरी ज्योति प्रकाश टोप्पो ने कहा, “हम धर्म की पूजा कर रहे थे।” कंवर समुदाय के लोग भी इस विश्वास को मानते थे।
स्थानीय संगठनों की प्रतिक्रिया
इस घटना पर विश्व हिंदू परिषद और अन्य हिंदू संगठनों की ओर से महत्वपूर्ण प्रतिक्रिया आई है। उनका दावा है कि प्रार्थना सभाओं के बहाने असहाय ग्रामीणों का धर्म परिवर्तन किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ के कई इलाकों में ऐसी घटनाएं पहले भी सामने आ चुकी हैं, जहां प्रार्थना सभाओं के जरिए धर्म परिवर्तन करने की कोशिश की गई। Citeturn0search8
निष्कर्ष
छत्तीसगढ़ में प्रार्थना सभाओं के बहाने धर्म परिवर्तन के दावों से जुड़ी घटनाएं बढ़ रही हैं। पुलिस और स्थानीय सरकार की त्वरित प्रतिक्रिया से यह स्पष्ट है कि इन स्थितियों में सख्ती बरती जा रही है। सामाजिक शांति बनाए रखने के लिए, धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकारों को कायम रखते हुए किसी भी प्रकार के दबाव या बहकावे से धर्मांतरण के प्रयासों को रोका जाना चाहिए।
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[…] क्या हुआ? […]