Monday, December 23, 2024
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संभल हिंसा: विदेशी कारतूसों के इस्तेमाल से पाकिस्तान कनेक्शन की जांच में मिले अहम तथ्य

उत्तर प्रदेश के संभल हिंसा जिले में जामा मस्जिद पर हुई हिंसा में विदेशी कारतूसों के इस्तेमाल ने मामले को और गंभीर बना दिया है। पुलिस जांच में नौ एमएम की पिस्टल के साथ पाकिस्तान और अमेरिका में बने कारतूस बरामद हुए हैं, जो कई सवाल खड़े कर रहे हैं। अब पुलिस इन असलहों की पहुंच, इस्तेमाल और स्रोत की जांच कर रही है।

विदेशी कारतूस और सरकारी हथियारों का इस्तेमाल

उत्तर प्रदेश के संभल हिंसा जिले में मंगलवार को मोहल्ला कोटगर्वी के टंकी गली इलाके में तलाशी के दौरान पुलिस ने कूड़े के ढेर से पाकिस्तान की आयुध फैक्ट्री में बने कारतूस और एक खोखा बरामद किया। इसके अलावा अमेरिका में बना 12 बोर का खोखा भी बरामद हुआ है। पुलिस ने तीन अलग-अलग खोखे भी बरामद किए हैं, जो 32 बोर के हैं।

एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई ने बताया कि नौ एमएम का कारतूस सरकारी बंदूकों में इस्तेमाल होता है, जिससे मामला और गंभीर हो गया है। पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि हिंसा में इन कारतूसों का इस्तेमाल कैसे और किसने किया।

सीसीटीवी फुटेज से मिल सकता है डाटा

एसपी ने बताया कि घटना स्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जाएगी। यह पता लगाने का प्रयास किया जाएगा कि संभल हिंसा में पिस्तौल का इस्तेमाल किसने किया। पुलिस का मानना ​​है कि स्थानीय लोगों तक इन हथियारों और कारतूसों की पहुंच के पीछे कोई बड़ा नेटवर्क हो सकता है।

बाहरी लोगों की पहुंच ने बढ़ाई मेहनत

संभल हिंसा के बाद जिले में 10 दिसंबर तक बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई थी। इसके बावजूद जमीयत उलमा-ए-हिंद और कांग्रेस नेताओं समेत कई बाहरी लोग पीड़ित परिवारों से मिलने पहुंचे। पुलिस और प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं लगी।

जमीयत उलमा-ए-हिंद के पदाधिकारी और कांग्रेस के राष्ट्रीय व प्रदेश सचिव पीड़ित परिवारों से मिलकर लौट गए। इसके अलावा हैदराबाद के समाजसेवी सलमान ने भी शनिवार को परिवार से मुलाकात की।

खुफिया तंत्र पर सवाल

जिले में बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक लगाने के प्रशासन के दावे खुफिया तंत्र की नाकामी को उजागर कर रहे हैं। अधिकारियों ने लगातार ट्रैकिंग की बात कही थी, लेकिन इन घटनाओं ने सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी है।

जांच में अगला कदम

पुलिस अब गहनता से जांच करेगी कि विदेशी कारतूस संभल तक कैसे पहुंचे। यह भी पता लगाया जाएगा कि इन तमंचों का इस्तेमाल कैसे और किस मकसद से किया गया। एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई ने बताया कि मामले की हर एंगल से जांच की जाएगी और दोषियों को सजा दिलाई जाएगी।

गंभीर सवाल और सामाजिक प्रभाव

संभल हिंसा में विदेशी तमंचों और कारतूसों के इस्तेमाल ने इसे सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौती बना दिया है। इस घटना ने स्थानीय और देशव्यापी स्तर पर सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने और अवैध हथियारों की तस्करी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जरूरत को रेखांकित किया है।

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