Monday, December 23, 2024
HomeNewsशिमला में अवैध मस्जिद तोड़ने का काम रोका: करोड़ों का खेल या राजनीति की बिसात?

शिमला में अवैध मस्जिद तोड़ने का काम रोका: करोड़ों का खेल या राजनीति की बिसात?

शिमला में अवैध मस्जिद का तोड़ने का काम एक बार फिर से रोक दिया गया है। मानचित्र कमेटी ने बताया कि मस्जिद तोड़ने के लिए फंड की कमी है। इस पर स्थानीय हिंदू संगठनों ने कर सेवकों की मदद का ऑफर दिया है, जैसा कि अयोध्या में किया गया था।

मुस्लिम समुदाय ने इस मुद्दे पर सोच विचार कर रहे हैं। वहीं, कांग्रेस सरकार ने मस्जिद न तोड़े जाने का समर्थन किया है, जिसके पीछे उनके वोट बैंक की राजनीति छिपी है। मस्जिद कमेटी के मुखिया मोहम्मद लतीफ ने बताया कि पैसे की कमी के कारण तोड़ने का काम रुका है और  फंड इकट्ठा करने का प्रयास चल रहा है।यह देखना बाकी है कि मस्जिद को कब तोड़ा जाएगा और इसके पीछे के राजनीतिक कारण क्या हैं।

हिमाचल प्रदेश के शिमला मेंअवैध संजौली मस्जिद को तोड़ने का काम एक बार फिर से रोक दिया गया है मानचित्र कमेटी ने कहा है कि मस्जिद तोड़ने के लिए अभी पैसे की कमी है इसलिए अभी तोड़ने में दिक्कत आ रही है वहीं दूसरी तरफ स्थानीय हिंदू संगठनों ने पैसे के लिए ढांचा तोड़ने का कार्य सेवकों का ऑफर दिया हैकि हम अयोध्या की तरह कर सेवकों को की तरह मस्जिद को तोड़ सकते हैं जिससे आप लोगों का पैसा भी बच जाएगा मुस्लिम समुदाय के लोगों ने अभी इस बात पर सोच विचार कर रहे हैं कि कर सेवक वाली काम कराया जाए या नहीं कराया जाएक्योंकिअगर कर सेवकों वाला काम मुसलमान कमेटी करें करवाना चाहेगी तो हिंदू संगठन मस्जिद तोड़ने का काम फ्री में ही कर सकते हैं यह उन्होंने कहा है

के लिए कहां 21 अक्टूबर 2024 से चालू हुआ था इस दौरान इसकीहटाई जा रही थी लेकिन यह काम कब आधार में अटका दिया गया है इसमें अभी पॉलिटिक्स वाला नेताओं का भी हाथ है क्योंकि कांग्रेस सरकार नहीं चाहती है की मस्जिद अभी हटे क्योंकि उनका विद्रोह बैंक भी मस्जिद से हल्का हुआ हैइसलिए सबका भी नहीं चाहती है किमस्जिद वहां से हटी औरमुस्लिम वोट बैंक का कहीं और भी खिसक जाए

इसके बाद मस्जिद तोड़ने का काम पूरी तरह से रुक गया है मस्जिद कमेटी के मुखिया मोहम्मद लतीफ ने इस बार में पूछे जाने पर मीडिया को बताया है कि पैसे की कमी की वजह से कम रोटी रोक दिया गया है अभी फंड की इकट्ठा कर रहे हैंजब इकट्ठा हो जाएगा तो फिर दोबारा स्टार्ट हो जाएगामोहम्मद लतीफ ने कहा कि जो मस्जिद निर्माणकिया जा रहा था तब मुस्लिम समाज के लोग बढ़-चढ़कर आगेआकर पैसे दे रहे थे लेकिन जब इस अवैध निर्माण को तोड़ने का कामचालू हुआ है तो कोई भी पैसा देने के लिए तैयार नहीं है इस मस्जिद तोड़ने में करीब 10 से 15 लाख का खर्च आने वाला है उन्होंने मजदूरों की कमीभी एक कारण बताया है

अब देखना यह है कि मुस्लिम समाज के लोग जहां पर अवैध निर्माण हो रहा हो या जमीन कब्जा जा रही हो या सरकारी जमीन पर कोई मजार दरगाह या मस्जिद बनाई जा रही हो तो यह सारे लोग इकट्ठे होकर चंदा देते हैं तो एक भी बंदा पैसे देने के लिए राजी नहीं हैतो इसे एक सीधा निकल रहा है कि यह लोग सीधे ही सीधे जमीन कब जाने का इनका कारोबार चल रहा हैइनको हम यह मान सकते हैं कि मुस्लिम समाज के लोगों कायह एक तरह काधंधा रह गया है और कुछ नहीं

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments