26 सितंबर 2024 को, जब VHP और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया, उन्होंने प्रशासन को 10 दिन का अल्टीमेटम दिया कि मस्जिद को हटाया जाए। उनका कहना है कि वे खुद इस मस्जिद को गिरा देंगे अगर प्रशासन इसे नहीं हटाता। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने प्रशासन के खिलाफ भड़काऊ नारेबाजी की।
विरोध की प्रमुख मांगें:
1. मस्जिद को तत्काल गिरा दें।
2. गायत्री बाल मंदिर की जमीन हिंदू संस्थाओं को वापस दी जाए।
3. रोहिंग्या मुसलमानों की क्रियाओं की जाँच की जाए और बिना प्रमाण वाले लोगों को बाहर किया जाए।
हिंदू संगठनों का दिशानिर्देश
हिंदू संगठनों का कहना है कि वे कई सालों से प्रशासन से इस विवाद को हल करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। 2021 में भी अच्छा प्रदर्शन हुआ, लेकिन उसके बाद कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। हिंदू संगठनों का कहना है कि मस्जिद जबरन बनाई गई थी और बाहरी लोगों का हाथ हो सकता था।
VHP और बजरंग दल ने चेतावनी दी है कि अगर प्रशासन मस्जिद को दस दिनों के भीतर नहीं हटाता, तो वे खुद मस्जिद को तोड़ देंगे। साथ ही, वे कहते हैं कि मस्जिद ने इलाके में कानून व्यवस्था को खराब कर दिया है और वे इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे।
स्थानीय निवासियों की चिंताएं
स्थानीय लोगों का कहना है कि मस्जिद का निर्माण इलाके को अशांत कर रहा है। वे कहते हैं कि मस्जिद में बाहर से लोग आते हैं और वहीं लंबे समय तक रुकते हैं, जो उनके क्षेत्र की शांति को भंग करता है। लोगों का कहना है कि मस्जिद का निर्माण रोकने के आदेश के बावजूद चलता रहा, जिससे उन्हें प्रशासन पर भी सवाल उठाना पड़ा।
सरकारी प्रतिक्रिया
प्रशासन ने अभी तक इस विषय पर कोई स्पष्ट घोषणा नहीं की है, लेकिन रिपोर्टों के अनुसार, प्रशासन ने मामले की जाँच करने के लिए एक टीम बनाई है। टीम जाँच रिपोर्ट ही आगे की कार्रवाई निर्धारित करेगी। यह भी देखता है कि इस समस्या को सुलझाने के लिए क्या किया जाएगा।
धार्मिक बहस का बढ़ता प्रभाव
इस तरह की बहस जबलपुर से बाहर देश भर में बढ़ती जा रही है। हिंदू और मुस्लिम संगठनों के बीच धार्मिक स्थानों पर अवैध निर्माण को लेकर तनाव बढ़ रहा है। इस तरह के मुद्दे न केवल धार्मिक बहस पैदा करते हैं, बल्कि समाज को अस्थिर भी करते हैं।
देश भर में धार्मिक स्थानों पर होने वाले विवादों को हल करने के लिए अक्सर सरकार और न्यायपालिका को हस्तक्षेप करना पड़ता है। ऐसे मामलों में समय पर उचित कार्रवाई न होने से हालात अधिक खराब हो सकते हैं।
भविष्य की आशा
VHP और बजरंग दल ने प्रशासन को एक अल्टीमेटम दिया है, इसलिए आने वाले दिनों में और भी प्रदर्शन हो सकते हैं। प्रशासन को इस मुद्दे को गंभीरता से लेना होगा और जल्द से जल्द इसका समाधान निकालना होगा। यदि ऐसा नहीं हुआ, तो यह विवाद और भी गहरा सकता है, जिससे समाज में अस्थिरता फैलने का खतरा बढ़ जाएगा।
जबलपुर के राँझी क्षेत्र में गायत्री मंदिर की जमीन पर मस्जिद बनाने का विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। हिंदू संगठन मस्जिद को अवैध रूप से बनाया गया है, और इसे हटाने की माँग लगातार जारी है। प्रशासन को इस मामले का समाधान निकालने के लिए दस दिन का समय मिला है।
प्रशासन को समाज में शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए जल्दी और निष्पक्ष कार्रवाई करनी होगी। ऐसे धार्मिक विवाद समाज में अस्थिरता पैदा कर सकते हैं और सांप्रदायिक सौहार्द्र को खतरे में डाल सकते हैं।