Monday, December 23, 2024
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अरविंद केजरीवाल का बड़ा बयान: “जब तक जनता नहीं कहेगी कि मैं ईमानदार हूं, तब तक नहीं बैठूंगा कुर्सी पर”

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक चौंकाने वाला निर्णय लिया है। उन्होंने घोषणा की है कि वह दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने जा रहे हैं। यह कदम उन्होंने खुद अपने हाल के भाषण में उठाया, जहां उन्होंने कहा कि वह तब तक कुर्सी पर नहीं बैठेंगे जब तक जनता यह नहीं कहेगी कि वह ईमानदार हैं। यह बयान राजनीति जगत में हड़कंप मचा गया है।https://twitter.com/ANI/status/1835213540040524176

इस्तीफे की घोषणा

अरविंद केजरीवाल ने अपनी इस महत्वपूर्ण घोषणा की बात 15 सितंबर को आम आदमी पार्टी के कार्यालय में अपने कार्यकर्ताओं के सामने की। उनकी यह घोषणा दिल्ली के तिहाड़ जेल से 13 सितंबर को रिहा होने के बाद आई। इस मौके पर आम आदमी पार्टी के प्रमुख नेता मनीष सिसोदिया, संजय सिंह और अन्य नेता भी मौजूद थे।

केजरीवाल ने कहा, “जब तक आम जनता मुझे ईमानदार मानती है, तब तक मैं मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठूंगा। मैं दो दिन बाद, यानी 17 सितंबर को इस्तीफा दे दूंगा।” उन्होंने कहा कि इस फैसले का मकसद जनता का भरोसा प्राप्त करना है, और जब तक उन्हें ऐसा भरोसा नहीं मिलता, तब तक वह मुख्यमंत्री पद पर नहीं बैठेंगे।

चुनावों का समय

केजरीवाल ने यह भी बताया कि दिल्ली में अगले चुनाव फरवरी 2025 में होने की संभावना है, लेकिन अगर केंद्र सरकार चाहती है, तो चुनाव नवंबर 2024 में भी कराए जा सकते हैं। यह स्थिति केजरीवाल के लिए दो फायदे ला सकती है। अगर चुनाव फरवरी में होते हैं, तो उन्हें दिल्ली सरकार चलाने के लिए ज्यादा समय मिलेगा। वहीं, अगर चुनाव नवंबर में होते हैं, तो वह फिर से मुख्यमंत्री पद के लिए चुनाव लड़ सकते हैं और पार्टी को फिर से सत्ता में ला सकते हैं।

सुप्रीम कोर्ट और केंद्र सरकार

केजरीवाल ने कहा कि कुछ लोग यह मानते हैं कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के कारण वह काम नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि सुप्रीम कोर्ट ने भी साबित कर दिया कि जेल से भी सरकार चल सकती है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार की कोशिश थी कि उनकी पार्टी और उनके साहस को तोड़ा जाए, लेकिन वह सफल नहीं हो पाई।

गिरफ्तारियों और जमानत

13 सितंबर को केजरीवाल को शराब नीति के मामले में बेल मिली थी। उन्होंने बताया कि सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद भी, उन्होंने अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी थी। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस भैया की राय में अंतर था, लेकिन अंततः जस्टिस सुल्तान ने उनकी गिरफ्तारी को सही ठहराया।

राजनीतिक दृष्टिकोण

केजरीवाल के इस्तीफे की घोषणा के बाद राजनीतिक परिदृश्य में हलचल मच गई है। उनकी यह घोषणा भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ को दर्शाती है। यह कदम उनकी ईमानदारी और राजनीति के प्रति उनके दृष्टिकोण को सामने लाता है।

उनके इस्तीफे के बाद, आम आदमी पार्टी को अगले मुख्यमंत्री का चयन करना होगा और चुनावी रणनीति को तैयार करना होगा। पार्टी के भीतर इस मुद्दे पर बैठकें होने वाली हैं, जहां आगामी चुनाव और नई नेतृत्व की दिशा पर चर्चा की जाएगी।

अंतिम विचार

अरविंद केजरीवाल की इस्तीफा देने की घोषणा राजनीति में नई चर्चाओं का विषय बन गई है। यह कदम यह दर्शाता है कि वह जनता के भरोसे को गंभीरता से ले रहे हैं और उनके प्रति उनकी जिम्मेदारी को स्वीकार कर रहे हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस घटनाक्रम के बाद दिल्ली की राजनीति कैसे बदलती है और आम आदमी पार्टी आगामी चुनावों में किस तरह की रणनीति अपनाती है।

इस घटना ने भारतीय राजनीति के परिदृश्य को एक नई दिशा दी है और यह दर्शाता है कि कैसे नेताओं के व्यक्तिगत और राजनीतिक निर्णय जनता के विश्वास और राजनीति की दिशा को प्रभावित कर


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