उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में लगातार हो रही भारी बारिश ने तबाही मचा दी है। शनिवार को चौथे दिन भी 50 मकान गिर गए, जिनमें से कई कच्चे और पक्के मकान थे। टीन शेड और दीवारों को भी भारी नुकसान पहुंचा है। अब तक जिले भर में 225 मकान गिरने की सूचना मिली है, और 21 लोग घायल हो चुके हैं। राजस्व विभाग की टीमें लगातार प्रभावित इलाकों का सर्वे कर रही हैं, ताकि नुकसान का सही आकलन किया जा सके।
बारिश का कहर जारी, मकान और दीवारें धराशाई
लगातार हो रही बारिश से जिले भर में कच्चे मकान और पक्के मकान की दीवारें लगातार गिर रही हैं। शनिवार को जिले के अलग-अलग हिस्सों में 48 मकान और टीन शेड पूरी तरह से धराशाई हो गए। यह नुकसान खासकर सादाबाद, सिकंद्राराऊ, और हाथरस जंक्शन एरिया में हुआ है। राजस्व विभाग की टीमें लगातार प्रभावित इलाकों का दौरा कर रही हैं, और मकानों में पड़ी दरारों का निरीक्षण कर रही हैं।
सादाबाद तहसील क्षेत्र में 20 से अधिक मकान गिर चुके हैं, जबकि सदर तहसील क्षेत्र में भी 30 मकानों के गिरने की सूचना है। गांव मारा, चमारपुरा, और कुर्सिंडा जैसे इलाकों में लोगों के घरों को काफी नुकसान हुआ है। मकानों के गिरने से लोग बेहद परेशान हैं, और कई परिवारों को अपना आशियाना छोड़कर अस्थायी जगहों पर शरण लेनी पड़ी है।
किसानों को भारी नुकसान
लगातार हो रही बारिश ने न केवल मकानों को नुकसान पहुंचाया है, बल्कि किसानों की फसलों को भी भारी क्षति हुई है। हाथरस जिले के कई हिस्सों में धान की फसल को भारी नुकसान हुआ है। खासकर, सलेमपुर, सिकंद्राराऊ, और हसायन जैसे इलाकों में धान की फसल पूरी तरह से गिर चुकी है।
किसानों का कहना है कि इस समय धान की फसल में दाना नहीं बनेगा, जिससे उनकी फसल लगभग बर्बाद हो चुकी है। धान की खेती में पहले से ही बहुत खर्चा हो चुका था, और अब इस बारिश ने उनकी मेहनत पर पानी फेर दिया है। किसानों ने प्रशासन से राहत की मांग की है, ताकि उन्हें इस नुकसान से उबरने में मदद मिल सके।
परिवार मजबूर होकर रेलवे स्टेशन पर रहने को मजबूर
मुरसान कस्बे में बारिश ने एक और परिवार की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। राजेश नाम के एक व्यक्ति के घर में पानी भर गया, और उनकी दीवारें गिर गईं। राजेश, जो कि विकलांग हैं, अपने परिवार के साथ रेलवे स्टेशन पर रहने को मजबूर हो गए हैं। राजेश का कहना है कि उन्होंने अपनी कुछ जमीन बेचकर मकान बनाने की कोशिश की थी, लेकिन बारिश ने उनकी योजना पर पानी फेर दिया।
अब वह और उनका परिवार रेलवे स्टेशन पर अस्थायी रूप से रह रहे हैं, और प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहे हैं। राजेश की शारीरिक स्थिति ऐसी है कि वह खुद से कोई काम नहीं कर सकते, और इसलिए उन्हें तुरंत सहायता की आवश्यकता है।
प्रशासन और राहत कार्य
प्रशासन की ओर से राहत और बचाव कार्य जारी हैं। राजस्व विभाग की टीमें लगातार बारिश से प्रभावित इलाकों का दौरा कर रही हैं और नुकसान का आकलन कर रही हैं। हालांकि, अभी तक किसी बड़े राहत पैकेज की घोषणा नहीं की गई है।
लगातार बारिश से न केवल मकानों को नुकसान पहुंचा है, बल्कि लोगों की आजीविका और सुरक्षा पर भी सवाल खड़ा हो गया है। जिन किसानों की फसलें बर्बाद हो गई हैं, वे अब सरकार से मुआवजे की उम्मीद कर रहे हैं, ताकि उनका नुकसान कुछ हद तक कम हो सके।
जिले में बारिश का कहर अभी भी जारी है, और आने वाले दिनों में और अधिक नुकसान होने की आशंका है। लोग प्रशासन से मदद की उम्मीद कर रहे हैं, ताकि वे अपनी जिंदगियों को फिर से पटरी पर ला सकें।