Thursday, September 19, 2024
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साइबर अपराधी से 57 सोने की छड़ें और 16 लाख रुपये जब्त: CBI का बड़ा खुलासा

भारत में साइबर अपराध के बढ़ते मामलों के बीच, केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने हाल ही में एक बड़ी सफलता हासिल की है। एक साइबर अपराधी, विष्णु राठी, को मुंबई से गिरफ्तार किया गया है, जिसके पास से 57 सोने की छड़ें और 16 लाख रुपये नकद बरामद किए गए हैं। इस गिरफ्तारी में FBI के इनपुट का भी अहम योगदान रहा है, जिसके आधार पर विभिन्न ठिकानों पर छापेमारी की गई।

साइबर अपराध नेटवर्क का पर्दाफाश

CBI ने विष्णु राठी को एक इंटरनेशनल साइबर अपराध नेटवर्क के हिस्से के रूप में गिरफ्तार किया है। यह नेटवर्क अमेरिका के नागरिकों से साढ़े चार लाख डॉलर (लगभग 3.75 करोड़ रुपये) की ठगी करने के आरोप में पकड़ा गया। इस मामले में FBI से मिले इनपुट के बाद CBI ने विष्णु राठी पर नजर रखी और उसकी गिरफ्तारी की योजना बनाई।

विष्णु राठी एक स्थान पर लंबे समय तक नहीं रुकता था। वह कभी कोलकाता, कभी दिल्ली, जयपुर, और मुंबई जैसी जगहों पर जाकर रहता था, ताकि उसे पकड़ना मुश्किल हो। CBI ने बताया कि आरोपी ने ठगी से कमाए पैसे का इस्तेमाल सोने, चांदी और अन्य संपत्तियों में निवेश करने के लिए किया था।

57 सोने की छड़ें और 16 लाख रुपये की बरामदगी

CBI ने आरोपी के पास से तलाशी के दौरान 57 सोने की छड़ें बरामद कीं, जिनका वजन लगभग 100 ग्राम प्रति छड़ था। इसके अलावा, 16 लाख रुपये नकद भी जब्त किए गए। जांच के दौरान, अधिकारियों ने 10 लैपटॉप, कई मोबाइल फोन, सिम कार्ड, और क्रिप्टो करेंसी भी बरामद की।

यह साइबर अपराधी अपने अपराध से कमाई गई राशि को वर्चुअल संपत्तियों और सोने-चांदी में तब्दील कर रहा था, जिससे उसकी पहचान छिपी रहे और उसे आसानी से पकड़ा न जा सके।

अमेरिका में ठगी का मामला

CBI ने खुलासा किया कि इस साइबर अपराधी और उसके नेटवर्क ने अमेरिका में रहने वाले नागरिकों से ठगी की थी। 9 सितंबर को, इस गिरोह ने एक महिला से ठगी की, जहां उसे तकनीकी सहायता सेवाओं की पेशकश की गई और उसे गुमराह किया गया। अपराधियों ने पीड़िता के क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट से 454 लाख रुपये ट्रांसफर कर लिए।

यह ठगी तकनीकी सहायता सेवाओं के रूप में की गई थी, जहां अपराधियों ने पीड़ित को यह विश्वास दिलाया कि उसे कुछ तकनीकी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है और उन्हें इसे ठीक करने के लिए सहायता की आवश्यकता है। इस बहाने, अपराधियों ने पीड़िता से उसके क्रिप्टो वॉलेट की जानकारी ली और उसके पैसे ट्रांसफर कर लिए।

साइबर अपराध के खिलाफ सख्त कदम

इस मामले ने एक बार फिर साइबर अपराध के खतरों को उजागर किया है, जो अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैल चुका है। CBI और FBI के बीच इस मामले में सहयोग से यह स्पष्ट होता है कि अब साइबर अपराधियों के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सख्त कदम उठाए जा रहे हैं।

विष्णु राठी की गिरफ्तारी और उसके पास से बरामद हुई संपत्तियों से यह साफ है कि यह गिरोह काफी समय से ठगी के इस काम में लिप्त था और ठगी से कमाई गई राशि को छिपाने के लिए इसे सोने और वर्चुअल संपत्तियों में बदल रहा था।

ममला

इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि साइबर अपराध अब केवल एक राष्ट्रीय समस्या नहीं रह गई है, बल्कि यह एक अंतरराष्ट्रीय चुनौती बन चुकी है। CBI और FBI जैसे अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के सहयोग से इस तरह के अपराधों के खिलाफ लड़ाई में तेजी लाई जा रही है। हालांकि, यह भी महत्वपूर्ण है कि लोग सतर्क रहें और किसी भी प्रकार की अनचाही सहायता सेवाओं या गुमराह करने वाले संदेशों से बचें।

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