सासनी के गांव नगला भूस बाईपास के निकट हुए एक दर्दनाक सड़क हादसे ने पूरे इलाके को शोक में डूबा दिया। इस हादसे में मुकंद खेड़ा गांव के निवासी मां-बेटे की मौत हो गई। इस दुखद घटना के बाद पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई है, और लोगों में गम और सदमे का माहौल है। मृतकों का अंतिम संस्कार आगरा जिले के गांव सेमरा में किया गया।
घटना का विवरण
हादसे के समय मुकंद खेड़ा के राज़ुद्दीन और हाशिम की दादी अंगूरी अपने रिश्तेदारों के साथ ससुराल पक्ष से लौट रहे थे। सभी लोग माल वाहक वाहन में सवार होकर घर की ओर आ रहे थे। तभी नगला भूस बाईपास के निकट एक तेज रफ्तार रोडवेज बस ने वाहन को ओवरटेक करते हुए टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भीषण थी कि वाहन के परखच्चे उड़ गए और उसमें सवार लोग दूर जाकर झाड़ियों में गिर गए। इस भयंकर हादसे में 17 लोगों की मौत हो गई, जबकि अन्य कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं।
प्रशासन की कार्रवाई
इस दर्दनाक हादसे के बाद प्रशासन ने तुरंत मुआवजे की प्रक्रिया शुरू कर दी है। प्रधानमंत्री राहत कोष और मुख्यमंत्री राहत कोष से मुआवजा दिए जाने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए मृतकों और घायलों का डेटा पोर्टल पर दर्ज किया जा रहा है। प्रशासनिक अधिकारियों ने मृतकों के परिजनों और घायलों को जल्द से जल्द मुआवजा दिलाने का आश्वासन दिया है।
एसडीएम न्यायिक शिवनारायण शर्मा ने कहा कि इस घटना के शिकार लोगों के परिवारों को जल्द से जल्द राहत पहुंचाने की पूरी कोशिश की जाएगी। मुआवजे के लिए संबंधित अधिकारियों द्वारा आवश्यक कार्रवाई शुरू कर दी गई है, और जल्द ही पीड़ित परिवारों को सहायता राशि दी जाएगी।
समाज में फैल रहा गहरा दुख
गांव मुकंद खेड़ा और आसपास के क्षेत्रों में इस हादसे के बाद गहरा दुख और आक्रोश है। स्थानीय लोग इस घटना को लेकर प्रशासन से और भी सख्त कदम उठाने की मांग कर रहे हैं ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। वहीं, मृतकों के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है, और गांव में मातम का माहौल छाया हुआ है।
यह हादसा एक बार फिर यह याद दिलाता है कि सड़क सुरक्षा के नियमों का पालन कितना जरूरी है और तेज रफ्तार और लापरवाही कितनी भयावह हो सकती है। प्रशासन की ओर से इस हादसे की जांच की जा रही है, और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की उम्मीद की जा रही है।