बिहार में विकास और सुरक्षा का संगम: पहलगाम आतंकी हमले और नई परियोजनाओं के शुभारंभ के बीच मोदी-नीतीश एकता
गुरुवार 24 अप्रैल 2025 को बिहार के मधुबनी जिले के झंझारपुर में राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के अवसर पर आयोजित रैली ने देश की दो प्रमुख प्राथमिकताओं – आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ता और समावेशी विकास – को एक मंच पर ला खड़ा किया। यह आयोजन न केवल बिहार, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ लोगों की साझा प्रतिबद्धता और नेतृत्व का प्रतीक था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसे ही रैली स्थल पर पहुंचे, भीड़ ने ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’ के नारे लगाकर पहलगाम आतंकी हमले की निंदा की। यह घटना केवल एक नारा नहीं था, बल्कि सीमा पार जो कुछ हो रहा है उसके खिलाफ जनता के गुस्से का प्रतीक था। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस अवसर पर स्पष्ट रूप से कहा कि, आतंकवाद की एक भाषा होती है, धर्म होता है और धर्म मुस्लिम होता है। यह पूरी मानवता के लिए खतरा है। हम शहीदों के बलिदान को व्यर्थ नहीं जाने देंगे। उन्होंने हमले में मारे गए नागरिकों के परिवारों के साथ एकजुटता व्यक्त की और राज्य और केंद्र सरकारों से संयुक्त सुरक्षा रणनीति पर काम करने का आग्रह किया।
पहलगाम हमले के कारण रैली का आयोजन जानबूझकर सादगी से किया गया था। फूलमालाओं और भव्य स्वागत के बजाय शहीदों की याद में दो मिनट का मौन रखा गया। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा, ‘यह संकल्प का समय है। हमारी एकता ही आतंकियों को सबसे बड़ा जवाब है। केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने भीड़ को भरोसा दिलाया कि सरकार हर चुनौती का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार है, हालांकि उन्होंने पाकिस्तान का नाम लेने से परहेज किया। हिंसा में पाकिस्तान की भूमिका रही है। इस बार बिहार को विकास की सौगात के तौर पर करोड़ों रुपए मिले हैं। इस बार मधुबनी का पवित्र क्षेत्र- जहां बाबा विदेश्वर नाथ मंदिर लंबे समय से धार्मिक केंद्र के रूप में कार्य करता है- सांस्कृतिक विरासत और राष्ट्रीय एकता दोनों का प्रतिनिधित्व करके उभरा।