हाथरस, उत्तर प्रदेश: हाथरस कांड बागला डिग्री कॉलेज के भूगोल विभाग में प्रोफेसर और चीफ प्रॉक्टर रहे 50 वर्षीय राजनीश कुमार को छात्राओं के यौन शोषण के गंभीर आरोपों के बाद प्रयागराज में 72 घंटे की भगदड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस के अनुसार, कुमार अग्रिम जमानत का रास्ता तलाश रहा था, जब उसे शनिवार रात पकड़ा गया। उसके पास से जब्त किए गए मोबाइल और लैपटॉप में मिले सबूतों से इस मामले की जड़ें और गहराई सामने आने की उम्मीद है।
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नामहीन शिकायत और यूएसबी में मिले वीडियो ने खोला पोल हाथरस कांड
मामले की शुरुआत 13 मार्च को हुई, जब हाथरस गेट पुलिस को एक नामहीन पत्र मिला। इसमें कुमार पर छात्राओं को अकादमिक लाभ देने के बहाने भरोसा दिलाकर यौन शोषण करने और उनकी गोपनीय वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करने के आरोप लगाए गए थे। शिकायत के साथ एक यूएसबी ड्राइव भी जमा कराई गई, जिसमें कथित तौर पर शोषण के वीडियो दर्ज थे। पुलिस ने आईपीसी और यौन हिंसा संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू की।
कैसे काम करता था प्रोफेसर का नेटवर्क?
जांच में पता चला कि कुमार ने 2019 में पहले एक चतुर्थ श्रेणी की महिला कर्मचारी को शिकार बनाया। इसके बाद, उसने कॉलेज की 7-8 छात्राओं को निशाना बनाना शुरू किया। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, उसने अपने फोन और लैपटॉप में एक विशेष सॉफ्टवेयर इंस्टॉल किया था, जो स्क्रीन बंद होने के बावजूद पृष्ठभूमि में वीडियो रिकॉर्ड करता था। इस तकनीक का इस्तेमाल कर वह छात्राओं के साथ अपने चैंबर में अंतरंग क्षणों को कैद कर लेता था। बाद में, इन वीडियो के जरिए वह उन्हें डरा-धमकाकर शोषण जारी रखता था।
एसपी चिरंजीव नाथ सिन्हा ने बताया, “कुमार छात्राओं को अधिक अंक, अकादमिक पदोन्नति और नौकरी के झांसे में फंसाता था। विश्वास जीतने के लिए उन्हें महंगे उपहार और नकदी देता था। जब छात्राएं स्नातक होकर कॉलेज छोड़ देती थीं, तब भी वह उन्हें वीडियो के बल पर प्रताड़ित करता रहता था।
कैरियर के पीछे छिपा था अंधेरा इतिहास
राजनीश कुमार ने 2001 में बागला कॉलेज में लेक्चरर के रूप में कदम रखा था। 2016 में उसे भूगोल विभाग का प्रमुख बनाया गया और जुलाई 2024 में चीफ प्रॉक्टर की जिम्मेदारी सौंपी गई। हालांकि, उसका निजी जीवन विवादों से घिरा रहा। 1996 में उसकी शादी हुई थी, लेकिन पत्नी के साथ संबंध बिगड़ने के बाद वह अकेला रहने लगा। पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि क्या उसके निजी जीवन की परेशानियों ने उसे इस अपराध की ओर धकेला।
अब क्या है आगे क्या होगा।
पुलिस अब जब्त किए गए डिवाइसों से मिले डेटा का जांच hहो रही है। संभावना है कि और पीड़िताएं सामने आ सकती हैं। कॉलेज प्रशासन ने भी आंतरिक जांच शुरू कर दी है और छात्राओं की सुरक्षा को लेकर नई गाइडलाइन जारी की हैं।
यह मामला शैक्षणिक संस्थानों में महिला सुरक्षा और नैतिक जवाबदेही पर गंभीर सवाल खड़े करता है। पुलिस ने पीड़िताओं की पहचान गुप्त रखने का आश्वासन दिया है और उनसे अपील की है कि वे आगे आकर अपना बयान दर्ज कराएं।
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