कार बिक्री पर नया जीएसटी नियम हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोटरों की बिक्री से संबंधित एक नया जीएसटी नियम पेश किया है। इस नियम के आने के बाद सोशल मीडिया और कई अन्य माध्यमों पर इसे लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है। मुख्य रूप से यह अफवाह फैल रही है कि मोटरों की खरीद और बिक्री के बीच के अंतर (मार्जिन) पर 18% जीएसटी लगाया जा सकता है। हालांकि, सच्चाई इससे बिल्कुल अलग है। आइए इस नियम को विस्तार से समझते हैं और अफवाहों की सच्चाई बताते हैं।
क्या है नया जीएसटी नियम?
वित्त मंत्री के अनुसार, नए नियम के तहत अब कारों की बिक्री पर 18% जीएसटी लगाया जा सकता है। लेकिन यह जीएसटी मुख्य रूप से वाहन की बिक्री मूल्य पर आधारित होगा, न कि खरीद और बिक्री के बीच के अंतर (मार्जिन) पर। कार बिक्री पर नया जीएसटी नियम
उदाहरण के लिए: कार बिक्री पर नया जीएसटी नियम
- अगर कोई एंटीक कार ₹ 5,00,000 में खरीदी जा रही है, तो इस ₹ 5,00,000 पर 18% जीएसटी लागू होगा।
- यह जीएसटी उस विक्रेता द्वारा चुकाया जाना चाहिए जो कार बेच रहा है, चाहे वह कोई व्यक्ति हो या कोई सेवा प्रदाता।
ओएलएक्स और डीलरों पर प्रभाव
नए नियम के तहत, ओएलएक्स और डीलरों जैसी ऑनलाइन प्रणालियों को विशेष ध्यान रखना होगा।
- ओएलएक्स जैसी संरचनाएँ: अगर कोई व्यक्ति ओएलएक्स के माध्यम से अपनी एंटीक कार बेच रहा है, तो कार जिस कीमत पर बेची जा सकती है, उस पर 18% जीएसटी लागू होगा।
- डीलर: अगर कोई डीलर कार बेच रहा है, तो उसे कार की बिक्री कीमत पर 18% जीएसटी भी देना होगा। यह जीएसटी बिक्री समझौते के आधार पर तय किया जाएगा।
मिथक
- मार्जिन पर जीएसटी:
एक अफवाह है कि अगर कोई व्यक्ति ₹9,00,000 में कार खरीदता है और उसे ₹5,00,000 में बेचता है, तो ₹4,00,000 के नुकसान (मार्जिन) पर 18% जीएसटी लगाया जा सकता है।
सत्य: यह बिल्कुल झूठ है। जीएसटी केवल कार की बिक्री कीमत पर लगाया जा सकता है, कीमत के अंतर पर नहीं।
- दोहरा कराधान:
कुछ लोग यह भी दावा कर रहे हैं कि मोटरों की खरीद और बिक्री पर दो बार कर लगाया जा सकता है।
सत्य: ऐसा कोई नियम नहीं है। कर केवल अंतिम बिक्री मूल्य पर लागू होगा।
- पुरानी गाड़ियों पर ज़्यादा जीएसटी:
यह भी गलत धारणा फैल रही है कि नई गाड़ियों के मुक़ाबले पुरानी गाड़ियों पर ज़्यादा टैक्स लगेगा।
हकीकत: नई और पुरानी गाड़ियों दोनों पर जीएसटी शुल्क एक समान है।
आम लोगों और विक्रेताओं के लिए क्या बदलाव होगा?
- ग्राहक से उपभोक्ता तक:
अगर कोई व्यक्ति अपनी गाड़ी किसी दूसरे व्यक्ति को बेचता है, तो उसे अपनी बिक्री दर पर 18% जीएसटी देना होगा।
- विक्रेताओं के लिए दायित्व:
विक्रेताओं को अपने ग्राहकों को जीएसटी के क्रियान्वयन के बारे में बताना होगा और आय समझौते में जीएसटी का उल्लेख करना होगा।
- पंजीकरण प्रणाली में बदलाव:
वाहन मालिकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि बिक्री प्रक्रिया के दौरान जीएसटी का भुगतान प्रभावी ढंग से किया जाए।
अधिकारियों का उद्देश्य क्या है?
यह नियम मुख्य रूप से कारों की खरीद-बिक्री में पारदर्शिता लाने के लिए लागू किया गया है। इससे फर्जी लेन-देन और कर चोरी को रोका जा सकेगा। इसके साथ ही, इससे अधिकारियों को कर संग्रह बढ़ाने में मदद मिलेगी।
अंत
कारों की बिक्री पर लागू किया गया यह नया जीएसटी नियम निस्संदेह स्पष्ट और अनूठा है। जो गलतफहमियां फैल रही हैं, वे केवल अफवाहें हैं और उनका वास्तविकता से कोई लेना-देना नहीं है। ग्राहकों और डीलरों को नियम को अच्छी तरह से समझना चाहिए और अफवाहों पर ध्यान नहीं देना चाहिए।
सुझाव:
- कार बेचने से पहले जीएसटी के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करें।
- किसी भी भ्रम में न पड़ें और सही स्रोतों से तथ्य लें।
- बिक्री प्रक्रिया के दौरान सभी कानूनी औपचारिकताएं पूरी करें।
इस नियम का उद्देश्य केवल पारदर्शिता और बेहतर कर नियंत्रण सुनिश्चित करना है। इसे प्रभावी ढंग से अपनाने से न केवल ग्राहक बल्कि अधिकारी और डीलर सभी को लाभ होगा।
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